Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
Chanting Shiv Chalisa is believed to carry excellent wellbeing, prosperity and advancement in adore life, partnership and relationship together with all kinds of other Rewards.
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
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नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन Shiv chaisa क्षार लगाए॥
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥